वर्ष 2020-21 में, बीआईटी सिंदरी के संकाय सदस्यों के लिए तीन टीईक्यूआईपी कार्यक्रमों का आयोजन किया गया
टीईक्यूआईपी 4 (शोध प्रविधि)
इस श्रृंखला में पहला कार्यक्रम शोध प्रविधि विषय पर था, जिसका आयोजन 18 जनवरी 2021 से 23 जनवरी 2021 के दौरान किया गया। कार्यक्रम शोध प्रविधि पर समस्या पहचान से लेकर साहित्य समीक्षा, गणतीय मॉडलिंग, आंकड़ा विश्लेषण, शोध के लिए उपकरणों और सॉफ्टवेयरों, गुणात्मक शोध, मूलपाठ अन्वेषण, रिपोर्ट लेखन और पीएचडी जीवनयापन तक कई विषयवस्तुओं में विभाजित थे। प्रतिभागियों को उच्च प्रभाव शोध करने की बढ़ती आवश्यकता के प्रति सुग्राही बनाना, उपकरणों और तकनीकों की पहचान करना और एक शैक्षणिक के जीवन में पेशेगत और व्यक्तिगत चुनौतियों का निराकरण उद्देश्य था। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. विनीता एस. सहाय, निदेशक, भारतीय प्रबंध संस्थान बोधगया और डॉ. डी.के. सिंह, निदेशक, बीआईटी सिंदरी के द्वारा किया गया।
टीईक्यूआईपी 5 (सचेतन नेतृत्व)
इस श्रृंखला में दूसरा कार्यक्रम सचेतन नेतृत्व विषय पर था, जिसका आयोजन 1 फरवरी 2021 से 5 फरवरी 2021 के दौरान किया गया। संकाय के लिए कार्यक्रम भावनात्मक बुद्धिमत्ता से लेकर, स्वस्थ कार्य-जीवन संतुलन, सचेतन नेतृत्व, बदलाव के साथ बढ़ना, और जीत की नीति तक के कई विषयों में विभाजित था। कार्यक्रम के अंतिम सत्र के बाद, निदेशक, बीआईटी सिंदरी और निदेशक आईआईएम बोधगया ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और सहयोगात्मक परियोजनाओं पर कार्य करने पर ज़ोर दिया। कार्यक्रम समापन समारोह और कार्यक्रम निदेशकों के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ समाप्त हुआ।
टीईक्यूआईपी 6 (संचार उत्कृष्टता)
इस श्रृंखला का तीसरा कार्यक्रम संचार उत्कृष्टता विषय पर था, जिसका आयोजन 25 फरवरी 2021 से 4 मार्च 2021 के दौरान किया गया। कार्यक्रम का लक्ष्य पारस्परिक विद्यार्जन और ज्ञान साझा करने के लिए प्लेटफॉर्म निर्मित करना था। इसका उद्देश्य संचार के सिद्धांतों की खोज करना और निर्देश की समवर्ती विधियों में इसके अनुप्रयोग था। आईआईएम बोधगया से ज्ञान स्त्रोत व्यक्तियों ने मिलकर शिक्षण में संचार के सभी महत्वपूर्ण पक्षों जैसे कि अनुनय, तर्क-वितर्क, परामर्श, निर्देश के उपकरणों, ऑनलाइन कक्षाओं में विद्यार्थी को व्यस्त रखना, प्रतिवेदन लेखन आदि पर क्रम से सत्रों का संचालन किया। ज्ञान केवल कागज़ों में न रहे सुनिश्चित करने के लिए इन सत्रों को परस्पर संवादात्मक अभ्यासों और गतिविधियों के साथ रोचक बनाया गया। कार्यक्रम के अंतिम सत्र के बाद, निदेशक, बीआईटी सिंदरी और निदेशक, आईआईएम बोधगया ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और अधिक सहयोगात्मक परियोजनाएं निर्मित करने पर ज़ोर दिया। कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम रिपोर्ट और कार्यक्रम निदेशकों के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।